10 Lines on Ram Prasad Bismil in Hindi | राम प्रसाद बिस्मिल पर 10 लाइन

राम प्रसाद बिस्मिल एक भारतीय क्रांतिकारी थे जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उनका जन्म शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। 

10 Lines on Ram Prasad Bismil in Hindi | राम प्रसाद बिस्मिल पर 10 लाइन 

राम प्रसाद बिस्मिल एक भारतीय कवि, लेखक और स्वतंत्रता सेनानी थे।

राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून, 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में हुआ था।

उनके पिता का नाम मुरलीधर और माता का नाम मूलमती था।

उनके पिता शाहजहांपुर नगर पालिका में काम करते थे।

उन्हें उनकी प्रसिद्ध देशभक्ति कविता “सरफ़रोशी की तमन्ना” के लिए भी जाना जाता है।

वह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

काकोरी ट्रेन डकैती में उनकी भूमिका के लिए उन्हें 1927 में मौत की सजा सुनाई गई थी।

19 दिसम्बर 1927 को उन्हें फाँसी दे दी गई।

जब उन्हें फांसी दी गई तब उनकी उम्र 30 साल थी।

वह काकोरी-काण्ड और मैनपुरी षड्यन्त्र जैसी कई क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल थे, जिनका उद्देश्य भारत पर ब्रिटिश नियंत्रण को कमजोर करना था।

बिस्मिल एक बहादुर और निस्वार्थ नेता थे जिन्होंने कई युवा क्रांतिकारियों को भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

उन्हें एक शहीद और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायक के रूप में याद किया जाता है।

10 Lines on Ram Prasad Bismil in Hindi

राम प्रसाद बिस्मिल एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे।

उनका जन्म 11 जून 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में हुआ था।

राम प्रसाद बिस्मिल एक लेखक और कवि भी थे।

राम प्रसाद बिस्मिल के पिता का नाम मुरलीधर था जो शाहजहाँपुर नगरपालिका में कार्यरत थे।

उनकी माता का नाम मूलमती था। 

वह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के प्रमुख सदस्यों में से एक थे, जिसका उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकना था।

उन्होंने प्रसिद्ध देशभक्ति कविता “सरफ़रोशी की तमन्ना” लिखी थी।

बिस्मिल 1925 में काकोरी ट्रेन डकैती के प्रमुख नेताओं में से एक थे, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक बड़ी घटना थी।

काकोरी ट्रेन डकैती में उनकी भूमिका के लिए उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।

19 दिसम्बर 1927 को उन्हें फाँसी दे दी गई।

जब उन्हें फांसी दी गई तब उनकी उम्र 30 साल थी।

वह मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे। 

वह हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे।

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