10 Lines on Nana Saheb in Hindi | नाना साहब पर 10 लाइन

10 Lines on Nana Saheb in Hindi | नाना साहब पर 10 लाइन 

नाना साहब 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम में एक प्रमुख व्यक्ति थे। 

नाना साहब का जन्म मई 1824 में उत्तर प्रदेश के बिठूर (जिला कानपुर) में हुआ था।

नाना साहब का असली नाम नाना गोविंद धोंडूपन्त था।

वह मराठा पेशवा बाजी राव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे।

उनके पिता, नारायण भट, एक सुशिक्षित दक्कनी ब्राह्मण थे।

उनकी माता का नाम गंगा बाई था।

उन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उनके बचपन के दोस्त तात्या टोपे और रानी लक्ष्मीबाई थे।

अंग्रेजों द्वारा मराठा साम्राज्य पर कब्जा करने के बाद नाना साहब को उनकी सही विरासत से वंचित कर दिया गया था।

इसने अंग्रेजों के लिए उनकी नफरत को हवा दी और उन्होंने उनके खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया।

ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई के लिए उन्हें भारतीयों द्वारा नायक माना जाता है।

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में नाना साहब ने कानपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध नेतृत्व किया था।

उनकी मौत कब, कैसे और कहां हुई, इसका पता नहीं चल पाया है।

नाना साहेब की कहानी भारतीय इतिहास और आजादी के संघर्ष का अहम हिस्सा बनी हुई है।

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